Events (Art Of Giving Meeting 01-01-2023)



समर्पण संस्था द्वारा ‘‘देने की कला‘‘ विषयक व्याख्यान आयोजित
शांति, खुशी व संतोष की कुंजी है देने की कला
- आर्किटेक्ट डॉ.दौलत राम माल्या
      जयपुर, 2 जनवरी। ‘‘शांति खुशी व संतोष की कुंजी देने की कला में है। संपूर्ण प्रकृति दान स्वरूप है यह हमें देने के लिए बाध्य करती है। इंसान लेन देन का यंत्र मात्र है हम इसलिए लेते हैं कि दे सकें हम जितना अधिक देते हैं उससे कई ज्यादा वापस भी पाते हैं। प्रकृति के इस नियम के विरुद्ध इंसान जितना चलता है उतना ही दुःखी होता है।       ‘‘उक्त विचार आज समर्पण संस्था की ओर से देने की कला विषय पर आयोजित व्याख्यान में संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट डॉ. दौलत राम माल्या ने व्यक्त किये।
     डॉ माल्या ने एक पीपीटी प्रेजेंटेशन द्वारा बताया कि एक कमरे की जितनी जल्दी हम हवा बाहर निकालेंगे इतनी जल्दी वापस बाहर की हवा से भर जाएगा। दरवाजे व खिड़की बंद कर लें तो अंदर की हवा अंदर ही रहेगी और वह हवा दूषित, गंदी बन जाएगी। इंसान जो कुछ लेता है उसके बदले में वापस की चाहत रखता हैै। बिना चाहे कोई देना शुरू कर दे तो अपने आप हजार गुना होकर वापस लौटता है। इंसान आनंद व प्रेम की चाहत तो रखता है लेकिन उसे बांट़ता नहीं है।
     उन्होंने कहा कि सृष्टि की रचनहार ने हमारी रचना ही इस प्रकार की है कि हम दूसरों के काम आ सके। जैसे हम खुद को गले नहीं लगा सकते, अकेले खुश नहीं रह सकते, अकेले मुस्कुरा नहीं सकते। खुशी हो या गम जन्म से आखरी तक हमें दूसरों की जरूरत पड़ती है।
      डॉ. माल्या ने अंत में कहा कि - 
अपने दुःख में रोने वाल, मुस्कुराना सीख ले,
औरों के दुख दर्द में आंसू बहाना सीख ले। 
जो खिलाने में मजा है, आप खाने में नहीं, 
जिंदगी में तू किसी के काम आना सीख ले। 

     इस अवसर पर संस्था सदस्यों की एक मीटिंग का आयोजन सेवानिवृर्त्त आइ.ए.एस 
डॉ. बी.एल. जाटावत की अध्यक्षता में किया गया। डॉ. जाटावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘देने की कला जीवन का अनछुआ पहलू है। जिसकी आज विस्तार से व्याख्या की गई। जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तिगत स्वास्थ्य होता है। और उसके बाद समाज के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना जरूरी है। 
     मीटिंग में संस्था पदाधिकारियों ने वर्ष 2023 में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की तिथिवार रूपरेखा तैयार कर उसके एक पोस्टर का विमोचन किया।
     इस अवसर पर संस्था के मुख्य संरक्षक श्री के.एन. खंडेलवाल सहित अनेक सदस्य मौजूद रहे।
     मंच संचालन वॉइस ओवर आर्टिस्ट और आर.जे. श्री नवदीप सिंह ने किया।